Part 01 - प्यारे नबी ﷺ का हुलिया मुबारक

Prophet Muhammad ﷺ Biography in Hindi | Paigambar Muhammad ﷺ Ki Seerat Hindi Mein

पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (ﷺ) की जिंदगी (Biography)


अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू ! प्यारे दोस्तों , आपका 'प्यारे नबी (ﷺ) की पाक जिन्दगी' सीरीज के इस पहले हिस्से में इस्तकबाल है । इस पूरी सीरीज में हम आपको हुजूर पाक (ﷺ) की मुबारक जिन्दगी के बारे में बताएंगे ।


आप इस पूरी सीरीज के सारे हिस्सों की फेहरिस्त एक बार जरूर देखें । [ नीचे लिंक है ]

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Hazrat Muhammad (SAW) Ka Huliya Mubarak


प्यारे नबी (ﷺ) का हुलिया मुबारक  

بِسْمِ اَللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْم


चेहरा मुबारक :

शक्ल व सूरत का अच्छा होना भी अल्लाह की एक बड़ी नेमत है । जिसकी तरफ इन्सान का दिल खुद-ब-खुद खिंचता है । बातिनी (आन्तरिक) हुस्न के साथ साथ ज़ाहिरी हुस्न की दौलत से भी अल्लाह ने अपने सब पैगंबरों को मालामाल फरमाया था । इसमें मस्लहत यही थी कि खुदा के बन्दे खुदा के पैग़ंबर की तरफ ज़ाहिरी खूबसूरती को देखकर भी मुतवज्जह हों । इसीलिए प्यारे नबी हजरत मुहम्मद मुस्तफा (ﷺ) बातिनी हुस्न के साथ-साथ ज़ाहिरी हुस्न-व-ज़माल और खूबसूरती के लिहाज़ से भी सबसे बढ़कर थे , जैसा कि आप (ﷺ) के मुबारक हुलिये से ज़ाहिर होता है ।


हुस्ने-युसूफ़ दमे-ईसा यदे-बैज़ा दारी ,

आंचे ख़ूबां हम : दारंद तू तन्हा दारी ।


तर्जुमा : हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम का हुस्न व ज़माल और हजरत ईसा अलैहिस्सलाम की फूंक और हजरत मूसा अलैहिस्सलाम के हाथ की चमक, ये सारी खूबियां जो उन तमाम बुजुर्गों को हासिल थीं , वे सब प्यारे नबी (ﷺ) को तन्हा हासिल थीं ।


जिस्म मुबारक : 


प्यारे नबी (ﷺ) का कद दरमियाना था । आप (ﷺ) का सिर बड़ा और बाल हल्के से घुंघराले और दाढ़ी मुबारक घनी थी । आप (ﷺ) का चेहरा मुबारक न बिल्कुल गोल था , न लम्बा , बल्कि थोड़ी-सी गोलाई आप (ﷺ) के चेहरे मुबारक में थी । आप (ﷺ) का रंग सुर्ख़ व सफेद था । आंखें काली सुरमई लम्बी थीं । पेशानी मुबारक चौड़ी थी । आप (ﷺ) की भौंएं ख़मदार और अलग-अलग थीं । आप (ﷺ) की नाक कुछ ऊंची और दांत मुबारक आबदार और बारीक थे । सामने के दांतों में हल्की-हल्की झिर्रियां थी , बिल्कुल मिले हुए न थे । जब आप (ﷺ) बात करते तो उन झिर्रियों में से एक नूर-सा निकलता हुआ मालूम होता था । कन्धे मुबारक भरे हुए थे । कन्धों , कलाईयों और सीने पर बाल थे । सीने से लेकर नाफ़ तक बालों की हल्की सी धारा थी । गर्दन मुबारक ऊंची और खूबसूरत थी । कलाईयां लम्बी और पांवों की एड़ियाँ नाज़ुक , तलवे जरा गहरे , हाथ और पैर की उंगलियां तनासुब के साथ लम्बी थीं । सीना मुबारक चौड़ा और कुशादा था ।


नुबूव्वत की मुहर :

आप (ﷺ) के दोनों कन्धों के बीच नुबूव्वत की मुहर थी जो एक कबूतर के अण्डे के बराबर था । यह देखने में लाल और उभरा हुआ गोश्त था ( जिस पर एक तिल था और बाल उगे हुए थे ) । पसीने मुबारक से खुशबू आती थी ।


सहाबा (रज़ि.) के नज़र में आप (ﷺ) की खूबसूरती : 

हजरत अली (रज़ि.) फरमाते हैं कि मैंने प्यारे नबी (ﷺ) जैसा खूबसूरत , न आप (ﷺ) से पहले देखा और न बाद में देखा ।


हजरत ज़ाबिर (रज़ि.) फरमाते हैं कि मैंने एक चांदनी में प्यारे नबी (ﷺ) का चेहरा देखा । कभी मैं चांद को देखता था और कभी प्यारे नबी (ﷺ) को । लेकिन प्यारे नबी (ﷺ) की खूबसूरती और हुस्न चांद से कहीं ज्यादा बढ़ी हुई थी ।


हजरत अब्दुल्लाह-बिन-सलाम (रज़ि.) ने (जब वे इस्लाम नहीं लाए थे) , पहली बार प्यारे नबी (ﷺ) का चेहरा देखा तो वे बेइख्तयार पुकार उठे , ख़ुदा की कसम यह किसी झूठे आदमी का चेहरा नहीं हो सकता ।


बाल : 

हुजूर (ﷺ) सर के बाल रखना पसन्द फरमाते थे । आप (ﷺ) हमेशा पट्ठे रखते थे । कभी आप (ﷺ) के बाल आधे कांधों तक रहते , कभी कानों की लौ तक और कभी-कभी कांधों के करीब तक रहते ।


हजरत अनस (रज़ि.) फरमाते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) के बाल आधे कांधों तक थे । हजरत बरा-बिन-आज़िब (रज़ि.) फरमाते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) का कद दरमियाना था । आप (ﷺ) का मुबारक सीना चौड़ा था और आप (ﷺ) के बाल कानों की लौ तक होते थे ।

मक्का फतह के दिन जब लोगों ने प्यारे नबी (ﷺ) को देखा तो आप के कांधों पर बालों की चार लटें पड़ी हुई थीं ।


कंघा : 

आप (ﷺ) अपने सिर और दाढ़ी में कंघा किया करते थे । हजरत अनस (रज़ि.) फरमाते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) अपने सर में अकसर तेल लगाते और अपनी दाढ़ी में कंघा करते और अपने सिर पर एक कपड़ा डाल लिया करते थे (जिससे अमामा मैला होने से बचा रहता था) ।


मांग : 

प्यारे नबी (ﷺ) शुरू जमाने में मांग नहीं निकालते थे , लेकिन आखिर में मांग निकालने लगे थे ।



खिज़ाब : 

आप (ﷺ) के बाल चूंकि बहुत कम सफेद हुए थे , इसीलिए आपको खिज़ाब लगाने की नौबत ही नहीं आई । वैसे आप (ﷺ) को सिर्फ मेहंदी का खिज़ाब , या मेहंदी और कुसुम (एक तरह की घास जिससे खिज़ाब किया जाता है) को मिलाकर खिज़ाब लगाना पसन्द था ।

हजरत क़तादा (रज़ि.) फरमाते हैं कि मैंने हजरत अनस (रज़ि.) से पूछा : क्या प्यारे नबी (ﷺ) खिज़ाब लगाते थे ? तो उन्होंने जवाब दिया कि आप के बालों में इतनी सफेदी ही नहीं आई थी कि आप (ﷺ) को खिज़ाब लगाने की जरूरत होती ।

हज़रत अबू-ज़र (रज़ि.) बयान फरमाते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) ने फरमाया, "खिज़ाब के लिए सबसे अच्छी चीज़ मेहंदी और कुसुम है ।


सुरमा : 

प्यारे नबी (ﷺ) सोते वक्त आंखों में सुरमा लगाते थे और आप (ﷺ) ने सुरमा लगाने का हुक्म भी दिया है । एक जगह फरमाया कि असमद का सुरमा आंखों में लगाया करो इसलिए कि वह आंखों की रोशनी बढ़ाता है और पलकें भी उगाता है ।

हजरत इब्ने अब्बास (रज़ि.) फरमाते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) के पास एक सुरमेदानी थी जिसमें से तीन-तीन सलाई आप (ﷺ) हर रात आंखों में लगाते थे ।


इत्र : 

प्यारे नबी (ﷺ) को खुशबू बहुत पसन्द थी । हर वक्त आप (ﷺ) का बदन खुशबू से बसा रहता था । जिस गली से आप (ﷺ) गुजरते वह गली खुशबू से महक उठती । उस गली से गुजरने वाले उस गली को खुशबू से महका हुआ पाते तो समझ जाते कि प्यारे नबी (ﷺ) इधर से गुजरे हैं । आप (ﷺ) इत्र का तोहफा बड़ी खुशी से कुबूल फरमाते थे ।

हज़रत अनस (रज़ि.) बयान करते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) के पास एक इत्रदान था । आप (ﷺ) उसमें से इत्र लेकर इस्तेमाल किया करते थे ।

हज़रत अबू हुरैरा (रज़ि.) बयान करते हैं कि आप (ﷺ) ने फरमाया, "मर्दों के इस्तेमाल की खुशबू वह है जिसकी गंध फैलती हो , और उसका रंग न मालूम होता हो , जैसे गुलाब व केवड़ा वगैरह ।

और औरतों की खुशबू वह है जिसमें रंग ज्यादा और खुशबू कम हो , जैसे : हिना व ज़ाफरान वगैरह ।

हजरत अबू-उस्मान महदी (रज़ि.) बयान करते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) ने फरमाया, "अगर कोई व्यक्ति खुशबू का तोहफा दे तो उसे लौटाना नहीं चाहिए क्योंकि इसकी अस्ल जन्नत से निकली है ।"


मिस्वाक : 

प्यारे नबी (ﷺ) दांतों की सफाई का बहुत ख्याल रखते थे । आप (ﷺ) ने फरमाया , "अगर मुझे अपनी उम्मत की तकलीफ का ख्याल न होता तो मैं मिस्वाक करना फर्ज़ करार देता ।"


हजरत आईशा (रज़ि.) बयान करती हैं कि आप (ﷺ) ने फरमाया , "दस चीजें पैगंबरों की सुन्नत हैं :


  • मूंछों का कटाना 
  • दाढ़ी का बढ़ाना 
  • मिस्वाक करना 
  • नाक को पानी से साफ करना 
  • नाखूनों का काटना 
  • उंगलियों के जोड़ों को वुजू में धोना 
  • बगल के बाल मुड़ाना 
  • नाफ़ के नीचे के बाल साफ़ करना और 
  • ख़तना कराना ।


मोहतरम दोस्तों , आज की पोस्ट में आपने पढ़ा , "प्यारे नबी (ﷺ) की पाक जिन्दगी" सीरीज का पहला हिस्सा "प्यारे नबी (ﷺ) का हुलिया मुबारक"


हमारे अगले पोस्ट में आप पढ़ेंगे :

प्यारे नबी (ﷺ) का लिबास और दूसरी जरूरी चीजें - [ पढ़ना शुरू करें ]


इस सीरीज से जुड़ी सारी पोस्ट की लिस्ट देखें : प्यारे नबी (ﷺ) की पाक जिन्दगी 


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