पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (ﷺ) की जिंदगी (Biography)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू ! प्यारे दोस्तों , आपका 'प्यारे नबी (ﷺ) की पाक जिन्दगी' सीरीज के इस पार्ट - 2 में इस्तकबाल है । इस पूरी सीरीज में हम आपको हुजूर पाक (ﷺ) की मुबारक जिन्दगी के बारे में बताएंगे ।
आप इस पूरी सीरीज के सारे हिस्सों की फेहरिस्त एक बार जरूर देखें । [ नीचे लिंक है ]
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प्यारे नबी (ﷺ) का लिबास और दूसरी चीजें
بِسْمِ اَللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْم
आप (ﷺ) के कपड़े
प्यारे नबी (ﷺ) किसी खास किस्म के लिबास की पाबन्दी नहीं करते थे । अकसर आप (ﷺ) चादर , लुंगी और कुर्ता पहनते थे । जब किसी कपड़े को पहनते तो उस कपड़े का नाम लेकर फरमाते, "अल्लाह का शुक्र है जिसने हमें यह कपड़ा पहनने के लिए दिया ।" उसके बाद ये दुआ पढ़ते —
अल्लाहुम्मा लकल हम्दु अन्त कसौ-तनीहि असअलु-क ख़ैरहू व ख़ै-र मा सुनि-अ़ लहू व अऊज़ु-बिक मिनशर्रिहि व शर्रि मा सुनि-अ़ लहू ।
तर्ज़ुमा
" ऐ अल्लाह ! सब तारीफें और शुक्र आप ही के लिए हैं । इस कपड़े को मुझे आप ही ने पहनाया है । आप ही से इस कपड़े की भलाई चाहता हूं और उसकी भलाई चाहता हूं जिसके लिए यह कपड़ा बनाया गया, और उसकी बुराई से आपकी पनाह मांगता हूं , और उसकी बुराई से जिसके लिए यह कपड़ा बनाया गया । "
सफेद लिबास
प्यारे नबी (ﷺ) को सफेद लिबास बहुत पसन्द था । आप (ﷺ) ने फरमाया, "सफ़ेद कपड़े पहना करो क्योंकि ये सबसे अच्छा लिबास है । इसको जिन्दगी में पहनना चाहिए और सफेद कपड़ों में ही मुर्दों को दफ़न करना चाहिए ।"
आप (ﷺ) का कुर्ता
हज़रत उम्मे-सलमा (रज़ि.) बयान करती हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) को सब कपड़ों में कुर्ता ज्यादा पसन्द था ।
आप (ﷺ) की लुंगी
प्यारे नबी (ﷺ) हमेशा लुंगी पहनते थे । आप (ﷺ) ने पाज़ामे को भी पसन्द फरमाया है ।
हज़रत अबू-हुरैरा (रज़ि.) बयान करते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) की बीवी हज़रत आइशा (रज़ि.) ने हमें पैवन्द लगी हुई चादर और एक मोटी लुंगी दिखाई और फरमाया, " आप (ﷺ) ने इन दो कपड़ों में इन्तिक़ाल फरमाया ।"
हज़रत हुज़ैफ़ा-बिन-यमान (रज़ि.) फरमाते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) ने मेरी पिंडली के गोश्त को पकड़कर फरमाया कि लुंगी यहां तक रहनी चाहिए । अगर तुम्हारा जी चाहता है तो इससे कुछ नीचे तक रख सकते हो और अगर इससे भी ज्यादा बढ़ाना चाहो तो बढ़ा सकते हो लेकिन, किसी भी सूरत में लुंगी टख़नों तक नहीं पहुंचनी चाहिए ।
हज़रत उबैद-बिन-ख़ालिद (रज़ि.) बयान करते हैं कि एक बार मैं मदीना मुनव्वरा के रास्ते से चला जा रहा था कि मुझे अपने पीछे से आवाज़ आई " अपनी लुंगी को उपर उठाओ, इससे आदमी का कपड़ा नापाक और मैला होने से बचा रहता है , और आदमी में तक़ब्बुर (घमण्ड) भी पैदा नहीं होता ।" जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो यह कहने वाले प्यारे नबी (ﷺ) थे । मैंने आप (ﷺ) से कहा कि, " यह तो बहुत कम कीमत की लुंगी है , अगर मैली और ख़राब हो जाए तो कोई हर्ज़ नहीं , और इस मामूली लुंगी से क्या घमंड पैदा हो सकता है ? इस पर प्यारे नबी (ﷺ) ने फरमाया ; " अगर तुम इन दो चीजों की परवाह नहीं करते तो मेरी पैरवी तो करो ।" आपकी ये बात सुनने के बाद मैंने आप (ﷺ) की लुंगी को देखा तो, वह आधी पिंडलियों तक थी ।
आप (ﷺ) की चादर
हजरत अनस (रज़ि.) बयान करते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) को यमन की बनी हुई नक़शी चादर बहुत पसन्द थी ।
आप (ﷺ) का जुब्बा
हड़रत मुग़ीरा-बिन-शुअबा (रज़ि.) बयान करते हैं कि मैंने प्यारे नबी (ﷺ) को रूम (रोम) का बना हुआ ज़ुब्बा पहने देखा जिसकी आस्तीनें तंग थीं ।
आप (ﷺ) का अमामा
प्यारे नबी (ﷺ) हमेशा टोपी पर अमामा बांधते थे । अमामा ज्यादातर काले रंग का होता था । ज़्यादातर आप (ﷺ) शमले * को दोनों कन्धों के बीच में पीछे की तरफ डाल लेते थे । कभी कभी बिना शमले के भी अमामा बांध लेते थे ।
* शमला, पगड़ी के उस हिस्से को कहते हैं जो साफे का बचा हुआ हिस्सा दोनों कंधों के बीच कमर पर लटका रहता है ।
हज़रत जाफ़र-बिन-अम्र-बिन-हुरैस (रज़ि.) बयान करते हैं कि मैंने प्यारे नबी (ﷺ) के सिर-मुबारक पर काले रंग का अमामा देखा ।
हज़रत अब्दुल्लाह-बिन-उमर (रज़ि.) बयान करते हैं कि प्यारे नबी (ﷺ) जब अमामा बांधते तो इसके शमले को दोनों मूढ़ों के बीच में पीछे की तरफ डाल लिया करते थे ।
कीमती लिबास
प्यारे नबी (ﷺ) हालांकि सादगी पसन्द थे, मगर आप (ﷺ) ने कभी-कभी क़ीमती लिबास भी पहना है । हज़रत अब्दुल्लाह-बिन-अब्बास (रज़ि.) बयान करते हैं कि मैंने प्यारे नबी (ﷺ) को क़ीमती से क़ीमती लिबास में देखा है ।
मोहतरम दोस्तों , आज की पोस्ट में आपने पढ़ा , "प्यारे नबी (ﷺ) की पाक जिन्दगी" सीरीज का पार्ट - 2 "प्यारे नबी (ﷺ) का लिबास और दूसरी जरूरी चीजें " ।
हमारे अगले पोस्ट में आप पढ़ेंगे :
प्यारे नबी (ﷺ) का पसन्दीदा रंग, जूता, बिस्तर और साफ सफाई - [ पढ़ना शुरू करें ]
इस सीरीज से जुड़ी सारी पोस्ट की लिस्ट देखें : प्यारे नबी (ﷺ) की पाक जिन्दगी