एक बादशाह और उसके दो उकाबों का वाकिया | Islamic inspirational Story in Hindi

एक बादशाह और उसके दो उकाबों का वाकिया | Islamic inspirational Story in Hindi

मेरे अजीज दोस्तों अगर आपने इसका सही मतलब समझ लिया तो ये कहानी आपके जिन्दगी जीने के तरीके को बदल देगी ।


Islamic Inspirational Story in Hindi

ये कहानी है एक बादशाह और उसके दो उकाबों (बाज) की । कहा जाता है कि किसी राज्य में एक बादशाह शासन करता था । एक बार उसके एक दोस्त ने उसे एक तोहफा भेजा । उस तोहफे को पाकर बादशाह बहुत खुश हुआ । उसके दोस्त ने उसे तोहफे में दो उम्दा नस्ल के उकाब भेजे थे । दोनों उकाब बेहद खूबसूरत और बहादुर लग रहे थे । कुछ देर तक बादशाह उन्हें यूं ही निहारता रहा फिर उसने उनको अपनी फौज में शामिल करने का फैसला किया । बादशाह ने महल के सबसे अच्छे ट्रेनर को बुलावा भेजा । जब वह ट्रेनर आया तो बादशाह ने उसे दोनों उकाब सौंपते हुए कहा - “ ये उकाब बहुत ही खूबसूरत और आला नस्ल के हैं । मैं चाहता हूँ कि तुम इनको अच्छी तरह से ट्रेनिंग देकर एक बेहतर शिकारी बना दो ।”


बादशाह से दोनों उकाब लेकर ट्रेनर महल से बाहर चला गया । इसी तरह कई दिन गुजर गए । एक दिन ट्रेनर बादशाह के दरबार में तशरीफ लाया । उसके साथ दोनों उकाब भी थे   लेकिन वह तोड़ा मायूस था । बादशाह ने उससे उकाबों के बारे में पूछा । उसने जवाब दिया - “ बादशाह सलामत ! वाकई आपके उकाब बेहद खूबसूरत और उम्दा नस्ल के हैं पर इनमें एक कमी है । आपका एक उकाब बहुत फूर्तीला और बहादुर है । मैंने इन चन्द दिनों में ही इसे एक अच्छा शिकारी बना दिया है । लेकिन आपका दूसरा उकाब बिल्कुल शांत और आलसी है । ये दिन भर पेड़ की एक शाख पर बैठा रहता है । मैंने इसे उड़ाने की पूरी कोशिश की लेकिन ये उड़ता ही नहीं है ।” ये सुनकर बादशाह ने उससे कहा कि थोड़ी और कोशिश करो । शायद ये उड़ना सीख जाए ।

लेकिन ट्रेनर ने हाथ खड़े कर दिये । ये देखकर बादशाह ने पूरे राज्य में मुनादी करवा दी कि जो कोई भी इस उकाब को उड़ना सिखाएगा उसे मुंहमांगा ईनाम दिया जाएगा ।

कुछ दिन तक कोई भी नहीं आया । फिर एक दिन एक गरीब शख्स दरबार में आया । दूसरे उकाब को देखकर उसने कहा कि वो इसे उड़ा देगा ।


उसके अगले दिन बादशाह भी बेहद जिज्ञासु होकर उसे देखने के लिए आया । लेकिन वो ये देखकर हैरान रह गया कि दोनों उकाब आसमान में उड़ रहे थे । उसने उस आदमी से पूछा - “ इस उकाब को महल का सबसे बेहतर ट्रेनर भी नहीं उड़ा पाया लेकिन तूमने ये सब कैसे किया ?”

इसके जवाब में उस आदमी ने बादशाह से कहा - “ बादशाह सलामत ! मैंने तो कुछ भी नहीं किया । मैंने उस शाख (डाली) को ही काट दिया जिसमें ये बैठा हुआ था । और ये खुद ब खुद उड़ने लगा ।


मेरे दोस्तों ये कहानी महज़ एक कहानी नहीं है । बल्कि ये कहानी हमें बहुत कुछ सिखाती है । हम लोग भी उसी शाख की तरह अपने अपने घरों से चिपके हुए हैं । हम कुछ करना नहीं चाहते । सिर्फ बड़े बड़े सपने देखते हैं । लेकिन सिर्फ सपना देखने से कुछ नहीं होता । जो चीज आपको अपनी मुहब्बत में बांधकर कामयाबी से दूर करती है उसे छोड़ देना चाहिए । जो शाख आपसे लिपट कर आपको नाकामी की तरफ ले जाती है उसे काट देना ही बेहतर है ।


आपको भी तमाम तरह की मुश्किलों को हटाते हुए अपनी मंजिल की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए


उम्मीद है कि आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा । इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें । हम आपसे जल्द ही मिलेंगे एक नए पोस्ट में । तब तक के लिए .... अल्लाह हाफिज़ !

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