Surah Mulk Ki Fazilat Hindi mein - Tabarakallazi Ke Fayde

सूरह मुल्क की फजीलत (Surah Mulk Ki Fazilat) | सूरह मुल्क के कुछ खास फायदे (Surah Mulk Ke Fayde) और Surah Al-Mulk से जुड़ी दूसरी मालूमात

Surah Mulk (Tabarakallazi) Ke Benefits in Hindi 


Surah Mulk (Tabarakallazi) Ki Fazilat in hindi mein


अस्सलामुअलैकुम दोस्तों ! आज मैं आपको सूरह मुल्क की फजीलत (Surah Mulk Ki Fazilat) , सूरह मुल्क के कुछ खास फायदे (Surah Mulk Ke Fayde) और Surah Al-Mulk से जुड़ी दूसरी मालूमात के बारे में बताने वाला हूं । उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगी ।


Surah Mulk in Hindi Mein - तबारकल्लजी हिन्दी में

सूरह मुल्क (Surah Mulk) कुरआन पाक की 67 वीं सूरह है । यह 29 वें पारे में है । और यह एक मक्की सूरह है । सूरह मुल्क (Surah Mulk) में 30 आयतें हैं । यह मक्का में इस्लाम के शुरुआती दिनों में नाज़िल हुई थी ।


Surah Mulk Ki Fazilat in Hindi - सूरह मुल्क की फजीलत

  1. हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम के जैसा हुस्न
  2. अज़ाब-ए-कब्र से निज़ात
  3. कयामत के दिन खुदा की पनाह
  4. अपने तिलावत करने वाले की शफाअत
  5. सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कब्र में आपके साथ रहेगी
  6. सूरह मुल्क (Surah Mulk)  अल्लाह के अज़ाब से बचाती है
  7. सूरह मुल्क (Surah Mulk)  अल्लाह तआला से सिफ़ारिश करेगी
  8. कब्र के अन्दर सूरह मुल्क (Surah Mulk)  की तिलावत


सूरह अल-मुल्क पढ़ने के फायदे - Surah Al-Mulk Padhne Ke Fayde 


1. हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम के जैसा हुस्न

हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) से रिवायत है कि हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने फ़रमाया जो शख्स इस सूरह को पढ़ेगा वो क़यामत के दिन निजात (छुटकारा) पाएगा, मलायका (फरिश्तों) के परों (पंखों) पर उड़ेगा और हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम जैसा हुस्न पायगा ।


2. अज़ाब-ए-कब्र से निज़ात

इमाम मोहम्मद बाक़र (अ.स.) ने फ़रमाया कि सूरह मुल्क (Surah Mulk)  “सूरह मना” है इसलिए ये अपने पढ़ने वालों को अजाब-ए-कब्र (कब्र के अज़ाब) से बचाता है । तौरेत में भी इसका नाम सूरह मुल्क (Surah Mulk)  है । जो शख्स इस सूरह को शब्ह के वक्त (शाम के बाद) पढ़ेगा वो साहब-ए-बरक़त करार पाएगा और खुश रहेगा ।


3. कयामत के दिन खुदा की पनाह

हज़रत इमाम ज़ाफर सादिक (अ.स.) फरमाते हैं जो शख्स तबारकल लज़ी पढ़ेगा खासकर सोने से पहले तो वो हमेशा खुदा के अमान में रहेगा और क़यामत के रोज़ खुदा की पनाह (हिफाज़त) में होगा । हुजूरे पाक हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने फरमाया कि ये सूरह अज़ाब-ए-कब्र से महफूज़ (सुरक्षित) रखने वाला है ।


4. अपने तिलावत करने वाले की शफाअत

रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया : “बेशक कुरआन में 30 आयातों पर मुश्तमिल एक सूरह है जो अपने कारी (पढ़ने वाले) के लिए शफाअत करती रहेगी । यहाँ तक की इस की मग़फिरत कर दी जाएगी । और ये सूरह तबारकल्लज़ी बियदीहिल मुल्क है ।


5. सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कब्र में आपके साथ रहेगी

जब आप के माँ-बाप, भाई-बहन, दोस्त और रिश्तेदार सब आप को छोड़ कर चले जायेंगे, उस वक़्त क़ब्र की अँधेरी रात में आपका कोई गमख्वार न होगा। ऐसे नाज़ुक हाल में इस सूरह की बरकत कब्र में आपके साथ होगी ।


6. सूरह मुल्क (Surah Mulk)  अल्लाह के अज़ाब से बचाती है

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  का रोज़ाना पढ़ना अल्लाह तआला के गुस्से को ठंडा करता है और उसके अज़ाब से बन्दे को महफूज़ रखता है ।


7. सूरह मुल्क (Surah Mulk)  मगफिरत की सिफ़ारिश करेगी

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  आपके गुनाहों की माफ़ी के लिए अल्लाह तआला से अपने पढ़ने वालों की सिफ़ारिश करेगी कि ए अल्लाह ! इस को अज़ाब से महफूज़ फरमा ।


8. कब्र के अन्दर सूरह मुल्क (Surah Mulk)  की तिलावत

हजरत सैय्यिदना इब्न अब्बास (रज़ि) फरमाते हैं कि एक सहाबी ने एक बार कब्र पर अपना खेमा लगाया । उनको इस बात का इल्म (जानकारी) नहीं था कि यहाँ पर कब्र है । लेकिन बाद में उनको पता चला कि यहाँ पर किसी शख्स की कब्र है जो सूरह मुल्क (Surah Mulk)  पढ़ रहा है और उस ने कब्र के अन्दर पूरी सूरह पढ़ी ।


ये सब जानकर वो सहाबी हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) की बारग़ाह में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया : " या रसूलुल्लाह (स.अ.व) मैंने एक कब्र पर अपना खेमा तान लिया था मगर मुझे यह मालूम नहीं था कि वहाँ पर किसी की कब्र है । जबकि वहाँ पर एक ऐसे शख्स की कब्र है जो रोज़ाना पूरी सूरह मुल्क (Surah Mulk) पढ़ता है ।" फिर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने फरमाया : “यही रोकने वाली है, यही निज़ात दिलाने वाली है, जिसने इस आदमी को अज़ाब-ए-कब्र से महफूज़ रखा ।


Surah Mulk ke Fayde - सूरह मुल्क की फजीलत

दोस्तों कुरआन पाक अल्लाह तआला का सबसे बड़ा तोहफा है जो उसने हम इंसानों को दिया है । कुरआन पाक की हर सूरह एक नूर की तरह है जो हमारी ज़िन्दगी को बदल देती है और हमें जीने का सही रास्ता दिखाती है। ठीक उसी तरह Surah Mulk ke Fayde कई हैं ।


हजरत इब्न अब्बास ने एक शख्स से फरमाया - “ क्या मैं तुम को एक ऐसी हदीस तोहफे में दूँ जिस से तुम खुश हो जाओ” ?

मह्फूम-ए-हदीस : “तबारकल्लज़ी बियदीहिल मुल्क” पढ़ा करो ! अपने घर वालों को, सभी बच्चों को, और पड़ोसियों को भी सिखाओ । ये सूरह निज़ात दिलाने वाली सूरह है । ये अपने पढ़ने वालों के लिए रब से झगड़ा करेगी और अल्लाह तआला से सिफारिश करेगी कि उसके पढ़ने वाले को जहन्नुम के आग से बचाया जाए ।


सूरह मुल्क (Surah Mulk)  के हर एक आयत को याद करने और उसका मतलब समझने की कोशिश कीजिए । आप सूरह मुल्क (Surah Mulk)  की तिलावत भी सुन सकते हैं । 


FAQ’s About Surah Mulk (Tabarakallazi)


क्या सूरह मुल्क (Surah Mulk)  को मग़रीब के बाद पढ़ा जा सकता है ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  अज़ाब-ए-कब्र से बचाती है । हमारे आखिरी पैगंबर हजरत मुह(स.अ.व) ने फरमाया कि पुरे उम्मत में कोई भी शख्स ग़रीब नहीं रहेगा अगर वह इस सूरह को रोजाना रात में पढ़ता है । इस सूरह को मग़रीब और ईशा के बीच या फिर ईशा के बाद पढ़ना चाहिए ।

क्या सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कब्र के अज़ाब से बचाती है ?

हजरत अब्दुल्लाह इब्न मसऊद ने फरमाया कि - जो कोई भी रोजाना रात में सूरह मुल्क (Surah Mulk)  पढ़ता है उसे कब्र के अज़ाब से बचाया जाएगा । इस सूरह का पढ़ने वाला आदमी कयामत के दिन अज़ाब से निज़ात पाएगा ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  को कैसे याद करें ?

किसी भी चीज़ को याद करने के लिए फज़्र का वक्त सबसे बेहतर होता है । आप नमाज़ अदा करके सूरह मुल्क (Surah Mulk)  को याद करने के कोशिश कीजिए । इंशाअल्लाह कुछ दिनों की मेहनत आपको अज़ाब-ए-कब्र से बचाने में कामयाब होगी ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  इन हिन्दी 

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कुरआन शरीफ के 29 वें पारे में है । ये 67 वीं सूरह है जो मक्की है । इसमें 30 आयतें हैं। यह मक्का में इस्लाम के शुरुआती दिनों में नाज़िल हुई थी ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कैसे और कब पढ़ें ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  को मग़रीब और ईशा के बीच या ईशा के बाद पढ़ना चाहिए । आप हमारे PDF को Download करके यह सूरह आसानी से हिन्दी और अरबी में पढ़ सकते हैं ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कैसे Download करें ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  30 आयतों की एक बेहद फायदेमंद सूरह है । इसे डाऊनलोड करने के लिए आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  में कितने आयात हैं ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  में 30 आयात हैं ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कब नाज़िल हुई ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  के नाज़िल होने का सही वक्त नामालूम है लेकिन यह एक मक्की सूरह है । और यह मक्का में इस्लाम के शुरूआती दिनों में नाज़िल हुई थी ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  किस चीज में फायदेमंद है ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  सभी के लिए बेहद फायदेमंद है । सूरह मुल्क (Surah Mulk)  के पढ़ने वाले को अज़ाब-ए-कब्र से बचाया जाएगा । और कयामत के दिन गुनाहों से निज़ात मिलेगी ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  किस पारे में हैं ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कुरआन के तीसवें पारे में है ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  कहाँ नाज़िल हुई ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  मक्का में नाज़िल हुई ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  मक्की है या मदनी ?

सूरह मुल्क (Surah Mulk)  मक्की सूरह है ।



Surah Mulk PDF Download - सूरह मुल्क PDF

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आखिरी बात


दोस्तों ये थी आज की हमारी पोस्ट Surah Mulk in Hindi और सूरह मुल्क की फजीलत (Surah Mulk Ki Fazilat) " के बारे में । मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसन्द आई होगी । आप चाहें तो Surah Mulk Ki PDF या Surah Mulk eQuran भी पढ़ सकते हैं । इसे अपने तमाम दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें क्योंकि अच्छी बात को दूसरों तक पहुंचाना भी सदका-ए-ज़ारिया है । मैं आपसे फिर मिलूंगा अगली पोस्ट में , तबतक के लिए अल्लाह हाफिज़ !

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