Shohar Aur Biwi Ke Huqooq
आज के इस पोस्ट में हम आपको Shohar Aur Biwi Ke Huqooq in Islam in Hindi के बारे में बताने वाले हैं । यहां पर हमने बहुत आसान ज़बान में और केवल मोटी-मोटी बातों को लिखा है। अगर आपको मज़ीद जानकारी चाहिए तो आप किताबें पढ़ सकते हैं या किसी आलिम से भी पूछ सकते हैं। बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि इस्लाम में शौहर और बीवी के क्या हक हैं एक-दूसरे के उपर। तो आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे।
Shohar Aur Biwi Ke Huqooq |
मियां-बीवी की सुलह-सफाई और एक-दूसरे का लिहाज करने पर सारे घर की खुशी और आराम का दारोमदार है । प्यारे नबी ﷺ का जो बेहतरीन सुलूक अपनी बीवियों के साथ था उसके मुताल्लिक कुछ चीजें यहां बयान की गई हैं :
प्यारे नबी ﷺ ने फरमाया कि - “तुममें सबसे बेहतर वह है जो अपनी बीवियों के लिए सबसे बेहतर है, और मैं तुममें सबसे ज्यादा अपनी बीवियों के साथ बेहतर हूँ ।
➡ हज्जतुल विदा के मौके पर प्यारे नबी ﷺ ने जो खुत्बा दिया उसमें आप ﷺ ने शौहर और बीवी के हुकूक (Shohar Aur Biwi Ke Huqooq) को बयान फरमाया ।
आपने इरशाद फ़रमाया —
“लोगों ! अपनी बीवियों के मुताल्लिक अल्लाह से डरते रहो । खुदा के नाम की ज़िम्मेदारी से तुमने उनको बीवी बनाया है । और खुदा के कलाम से उनका जिस्म तुम्हारे लिए हलाल हुआ है । तुम्हारा हक औरतों पर इतना है कि वे तुम्हारे बिस्तर पर किसी गैर को न आने दें । इस हक में अगर वो कोताही करें तो तुम उनको इस हद तक सजा दे सकते हो कि सजा का असर उनके जिस्म पर ज़ाहिर न हो ( ताकि वह अपना सुधार कर लें और खानदान बिखरने से बच जाए ) । बीवी का हक (Biwi Ka Haq) तुमपर यह है कि तुम उनको अच्छी तरह खिलाओ और अच्छी तरह पहनाओ ।
एक बार एक आदमी ने प्यारे नबी ﷺ से पूछा कि बीवी का हक उसके शौहर के जिम्मे क्या है ?
Biwi ke upar Shohar ka kya haq Hai ?
आप ﷺ ने उस आदमी से फरमाया, “शौहर जब खुद खाए तो अपनी बीवी को भी खिलाए, जब खुद पहने तो उसको भी पहनाए । न उसके मुंह पर थप्पड़ मारे, न उसको बुरा-भला कहे और न ही घर के अलावा उसकी सज़ा के लिए उसको घर से अलग करे ।”
हजरत अबू हुरैरा (रज़ि.) बयान करते हैं कि प्यारे नबी ﷺ ने फरमाया - “किसी आदमी के लिए यह मुनासिब नहीं कि वह अपनी बीवी में किसी कमी को देखकर उससे नफरत करने लगे । मुमकिन है कि उसमें दूसरी ऐसी खूबियां हो कि जिनसे वह राज़ी हो जाए ।”
❤ एक सहाबी बहुत इबादत गुज़ार थे । वे अपनी इबादत में इस कदर मशगूल रहते थे कि अपनी बीवी की तरफ तवज्जोह नहीं करते थे । जब ये बात आप ﷺ को मालूम हुआ तो आप ﷺ ने उनको बुलाया और फरमाया, “तुम पर तुम्हारी बीवी का हक है ।”
इसी तरह औरतों को भी आप ﷺ ने मर्दों के हुकूक (Shohar Ke Huqooq) की तरफ तवज्जोह दिलाई ।
आप ﷺ ने फरमाया कि - तकवा और परहेजगारी के बाद एक मुसलमान के लिए नेक बीवी से बढ़ कर कोई चीज़ नहीं । बेहतरीन औरत वह है कि जब शौहर उसको कोई हुक्म दे तो वह उसको फौरन मान ले और जब शौहर उसको देखे तो खुश हो जाए और अगर शौहर कसम देकर उसको कुछ कहे तो वह उसकी कसम पूरी कर दे । और जब शौहर घर पर मौजूद न हो तो वह अपनी (यानी इज्जत व आबरू की) और अपने शौहर की माल की पूरी हिफाज़त करे ।
Aakhiri Baat
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पढ़ने के लिए शुक्रिया : 💡 इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि इस्लाम में शौहर और बीवी के हुकूक क्या हैं? हिन्दी में | Shohar Aur Biwi Ke Huqooq in Islam in Hindi ❤