Namaz me padhe jane wali dua aur tasbih | Dua For Namaz in Hindi

Namaz me padhe jane wali dua aur tasbih | Dua For Namaz in Hindi

नमाज में पढ़ी जाने वाली दुआ और तस्बीह | Dua For Namaz in Hindi Mein

नमाज का बयान


नमाज : नमाज खुदा तआला की इबादत और बन्दगी करने का एक खास ढंग है जो अल्लाह तआला ने कुरआन मज़ीद में और हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने हदीसों के जरिये लोगों को सिखाया है ।


बहुत से लोग मिलकर जो नमाज पढ़ते हैं उसे जमाअत की नमाज कहते हैं और नमाज पढ़ाने वाले को ‘इमाम’ कहते हैं और इमाम के पीछे नमाज पढ़ने वाले लोगों को मुक्तदी कहते हैं । और जो शख्स अकेले नमाज पढ़ रहा हो उसे मुनफरिद कहा जाता है ।


आगे पढ़ें : नमाज पढ़ने का सही तरीका 


नमाज में पढ़ी जाने वाली दुआ और तस्बीह :


तक्बीर

अल्लाहु अकबर


सना

सुब्हान-कल्ला हुम-म व बिहम्दि-क व तबा-र-कस्मु-क व तआला जद्दु-क व वा इला-ह ग़ैरु-क ।


तअव्वुज

अऊज़ु बिल्लाहि मिनश शै-ता निर-रज़ीम


तस्मिया

बिस्मिल्ला हिर-रहमानिर-रहीम


सूरह फातिहा

अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन ० अर् रहमानिर्रहीम ० मालिक यौमिद्दीन ० इय्या-क नअ्बुदू व इय्या-क नस्तअीन ० इहदिनश शिरातल मुस्तकीम ० शिरातल्लज़ी-न अन अम-त अलैहिम, ग़ैरिल मग़ज़ूबी अलैहिम व लज्ज़ाल्लीन । [ आमीन ]

सूरह फातिहा के बाद दूसरी सूरह भी पढ़ी जाती है । सूरह के लिए हमारी ये पोस्ट पढ़िए । [ नमाज़ के छोटे और आसान सूरह ]


रुकू यानी झुकने की हालत की तस्बीह

सुब्हा-न रब्बीयल अजीम


कौमा यानी रुकू से उठने की तस्बीह

समि-अल्लाहु-लिमन हमिदह


इसी कौमा की तहमीद

रब्बना लकल हम्द


सजदा की तस्बीह

सुब्हा-न रब्बियल आला


तशह्हुद या अत्तहिय्यात

अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्स-ल-वातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलै-क अय्युहन-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व ब-रकातुहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्ला हिस्सालिहीन । अशहदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाहु व अशहदु अन-न मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू ।


दुरूद शरीफ

अल्ला हुम-म सल्लि अला मुहम्मदिंव व अला आलि मुहम्मदिन कमा सल्लै-त अला इब्राही-म व अला आलि इब्राहि-म इन्न-क हमीदुम्मजीद । अल्ला हुम-म बारिक अला मुहम्मदिंव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारक-त अला इब्राहि-म-व अला आलि इब्राहि-म-इन्न-क हमीदुम्मजीद ।


दुरूद शरीफ के बाद की दुआ - दुआ ए माशूरा 

अल्ला हुम-म इन्नी ज़लम्तु नफ़्सी ज़ुलमन कसीरंव वला यग़्फिरुज़-जुनूब इल्ला अन-त फ़गफ़िरली मग़-फिरतम मिन इनदि-क वर-हमनी इन्न-क अन्तल गफ़ुरुर्रहीम ।


सलाम

अस्सलामु अलैकूम व रहमतुल्लाह


नमाज के बाद की दुआ

अल्ला हुम-म अन्तस्सलामु व मिनकस्सलामु तबारक-त या ज़ल-ज़लालि वल इकराम ।


दुआ-ए-कुनूत

अल्ला हुम-म इन्ना नस्तईनु-क व नस्तगफिरु-क वनू मिनु बि-क व न-तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल ख़ैरि व नश्कुरू-क वला नकफ़ुरू-क व नखलऊ व नतरुकू मैंय्यफ्ज़ुरू-क अल्ला हुम-म इय्या-क नाबुदू वल-क नुसल्ली व-नसजुदू व इलै-क नस्आ व नहफिदु व नर्जु रह-म-त-क व नख़्शा अज़ा-ब-क इन्न अज़ाब-क बिल कुफ़्फारि मुल्हिक ।


नमाज के बाद की तस्बीह / वजीफा

सुब्हान’अल्लाह 33 बार, अलहम्दुलिल्लाह 33 बार और अल्लाहू’अकबर 34 बार पढ़ने का बहुत बड़ा सवाब है ।


दोस्तों ये वो सारी तस्बीह हैं जो नमाज से पहले, नमाज के दौरान या नमाज के बाद पढ़ी जाती हैं ।


आखिरी बात 

हमें उम्मीद है कि आपको नमाज की दुआओं के बारे में लिखा गया हमारा ये पोस्ट जरूर पसंद आया होगा । इस पोस्ट को अपने दूसरे दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें और इस नेक काम में हमारा साथ दें । अच्छी बात को दूसरों तक पहुंचाना भी सदका-ए-ज़ारिया है ।

हम आपसे जल्द ही मिलेंगे एक नए पोस्ट में तब तक के लिए - अल्लाह हाफिज़ !


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