Ghusl Ka Tarika
दोस्तों इस पोस्ट में मैं आपको Ghusl karne ka sunnat tarika Hindi mein के बारे में बताने वाला हूं । उम्मीद है कि ये पोस्ट आपको जरूर पसन्द आएगी ।
Ghusl Karne Ka sunnat Tarika In Hindi
- नीयत करना : सबसे पहले नीयत कीजिए । यानि दिल में यह इरादा कीजिए कि नजासत से पाक होने और अल्लाह की रज़ा और सवाब के लिये गुस्ल कर रहा हूँ न कि बदन साफ़ करने के लिये ।
- हाथों को धोना : फिर दोनों हाथों को गट्टों समेत तीन-तीन बार धोइये ।
- इस्तिन्जे की जगह को धोना : इस्तिन्जा करने की जगह धोइये चाहे नजासत लगी हो या नहीं ।
- बदन पर लगी नजासत धोना : बदन पर जहाँ कहीं पर भी नजासत हो उसको धो कर साफ कर लीजिए ।
- अब वुजू करना : नमाज़ से पहले जिस तरह से आप वुजू करते हैं ठीक उसी तरह वुजू कीजिए मगर पांव न धोइये । लेकिन अगर किसी चीज़ पर बैठ कर गुस्ल कर रहे हों तो पांव भी धो लीजिए ।
- पूरे बदन पर पानी डालना : अपने पूरे बदन पर अच्छी तरह पानी डालें ।
- दाहिने कंधे पर पानी बहाना : तीन बार दाहिने कंधे पर पानी बहाइये ।
- बायें कंधे पर पानी बहाना : अब तीन बार बायें कंधे पर पानी बहाइये ।
- पूरे बदन पर तीन बार पानी डालना : सिर समेत पूरे बदन पर तीन बार पानी डालिए ।
- पांव धोना : अगर आपने वुजू के दौरान पांव नहीं धोया था तो अब पांव धो लीजिए ।
- पूरे बदन पर हाथ फेरना : आखिर में पूरे बदन पर हाथ फेरिए और मलिए ।
Ghusl Ka Tarika से जुड़े सवालात
दोस्तों अब हम आपको Ghusl Karne Ka Tarika से जुड़े सवालों के जवाब बताने वाले हैं । तो इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ें क्योंकि यहां के हर सवाल व जवाब को जानना बेहद जरूरी है ।
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बड़ी नजासत हुकमिया यानी हदसे अकबर और ज़नाबत से पाक करने का क्या तरीका है ?
हदसे अकबर या ज़नाबत से बदन पाक हो जाता है ।
गुस्ल (Ghusl) किसे कहते हैं ?
गुस्ल (Ghusl) के माने हैं नहाना । मगर नहाने का भी शरीअत में एक खास तरीका है ।
गुस्ल में कितने फर्ज़ हैं ? Ghusl ke farz kitne Hai ?
गुस्ल (Ghusl) में तीन फर्ज़ हैं :
- कुल्ली करना
- नाक में पानी डालना
- सारे बदन पर पानी बहाना
गुस्ल में कितने सुन्नत हैं ? Ghusl ki sunnatein
गुस्ल (Ghusl) में पाँच सुन्नतें हैं :
- दोनों हाथ गट्टों तक धोना
- इस्तिंजा करना और जिस जगह बदन पर नापाकी लगी हो उसे धोना
- नापाकी दूर करने की नियत करना
- पहले वुजू कर लेना
- सारे बदन पर तीन बार पानी बहाना
Ghusl कब wajib होता है ?
काफ़िर पर इस्लाम लाने के बाद । लड़का/लड़की का पन्द्रह (15) साल की उम्र से पहले बालिग़ होने पर। मुसलमान को मरने के बाद नमाज़-ए-जनाज़ा से पहले ग़ुस्ल (Ghusl) कराना वाजिब है।
Ghusl Karne Ki Niyat Hindi Mein
दिल में यह इरादा कीजिए कि नजासत से पाक होने, नमाज अल्लाह की रज़ा और सवाब के लिए गुस्ल (Ghusl) कर रहा हूँ न कि बदन साफ़ करने के लिये ।
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ऊपर बताए गये तरीके से गुस्ल करने पर पूरी पाकी हासिल हो जाती है । लेकिन अगर Ghusl में कुछ मुस्तहब अमल भी किया जाए तो इसके सवाब को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है । Ghusl Ke Musatahibat अमल इस तरह है :
Ghusl Ke Mustahibat
- ज़ुबान से नीयत करना ।
- नहाते वक्त क़िबले (पश्चिम) की तरफ़ रुख़ न करना जबतक कपड़े न पहन लें ।
- ऐसी जगह पर गुस्ल (Ghusl) करना जहां किसी की नज़र न पड़े ।
- अगर मर्द खुली जगह पर नहाए तो नाफ़ से घुटने तक जिस्म पर कोई कपड़ा या तहबंद बाँधकर नहाए जबकि औरतों का खुली जगह पर नहाना सही नहीं है।
- गुस्ल (Ghusl) में किसी तरह की बात न करना ।
- नहाने के बाद तौलिया या रूमाल से बदन पोंछना ।
- सारे बदन पर तरतीब से पानी बहाना ।
Aakhiri Baat
दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको Ghusl karne ka sunnat tarika पता चल गया होगा । साथ ही साथ आपको Ghusl ke farz, Ghusl ki sunnatein, Ghusl ke mustahibat और Ghusl karne ki niyat Hindi mein का भी पता चल गया होगा । इस पोस्ट को अपने दूसरे दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें । जज़ाकअल्लाह !