दोस्तों इस आर्टिकल में मैं आपको बकरीद की नमाज (Eid ul Azha Namaz) पढ़ने का तरीका बताने वाला हूं उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आएगी।
इस्लाम मज़हब में बकरीद (Eid ul adha) का त्योहार ईद उल फित्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है। इसे ईद उल अज़हा के नाम से भी जाना जाता है। ईद के लगभग 80 दिनों के बाद बकरीद मनाया जाता है। Eid al adha (Bakra Eid) के दिन लोग जानवरों की कुर्बानी देतेे हैंं।
बकरीद क्यों मनाते हैं?
ईद उल अज़हा (बकरीद) मनाने के पीछे एक दिलचस्प और इबरतनाक वाकया है। इस दिन हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला के हुक्म पर चलते हुए अपने इकलौते और अजीज़ बेटे हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम की गर्दन पर छुरी चला दी थी। लेकिन अल्लाह तआला के हुक्म से फौरन (फरिश्ते) हजरत जिब्रईल अलैहिस्सलाम ज़मीन पर उतरे और उन्होंने हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम के जगह पर एक दुम्बे को रख दिया। हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम इस तरह अपने रब के इम्तिहान में कामयाब भी हो गए और अल्लाह तआला ने उनसे उनकी औलाद भी नहीं छीना।
Bakra Eid Namaz
बकरीद के दिन क़ुर्बानी देने से पहले ईद उल अज़हा की नमाज़ पढ़ी जाती है। ये नमाज़ मस्जिदों या ईदगाहों में अदा की जाती है। लेकिन, साल में एक बार पढ़ने के वजह से हम में से बहुत से लोग बकरा ईद की नमाज का तरीका भूल जाते हैं। ऐसे में हमने आपको इस लेख में बकरीद की नमाज कैसे पढे़ इसके बारे में पूरी मालूमात दी है। उम्मीद है की आपको ये मालूमात पसंद आएगी।
Bakrid (बकरीद) Namaz ki Niyat
नियत करता हूँ मैं, 2 रकात वाजिब नमाज, ईद उल अज़हा की, मय ज़ायद 6 तक्बीरों के साथ, रुख मेरी काबा शरीफ के तरफ, वास्ते अल्लाह तआला के, पीछे इस इमाम के.... अल्लाहु अकबर !
ईद उल अज़हा (Eid ul azha) की नमाज़ का तरीका
- सबसे पहले 2 रकात नमाज़ की नियत करें ।
- फिर सना पढ़ें ।
- अब तीन ज़ायद तकबीरें होंगी।
- पहली तकबीर में अल्लाहु अकबर कह कर अपने दोनों हांथों को कानो तक ले जाना और छोड़ देना है ।
- इसी तरह दूसरी तकबीर में भी अल्लाहु अकबर कह कर अपने दोनों हांथों को अपने कानों तक ले जा कर छोड़ देना है ।
- अब तीसरी तकबीर में अल्लाहु अकबर कह कर अपने दोनों हांथो को अपने कानों तक ले जाना है और हांथ बाँध लेना है।
- हाथ बांधने के बाद इमाम साहब किरात करेंगे।
- किरात के बाद आप रुकू और सजदा कीजिए।
- इस तरह आपकी पहली रकाअत पूरी हो गई।
- अब इमाम साहब फिर से दूसरी रकाअत के लिए खड़े हो जाएंगे। फिर किरात करेंगे। यहां पर भी रुकू में जाने से पहले तीन ज़ायद तकबीरें होंगी।
- पहली तकबीर में अल्लाहु अकबर कह कर अपने दोनों हांथों को कानों तक ले जाएं फिर छोड़ दें ।
- इसी तरह दूसरी तकबीर में भी अल्लाहु अकबर कह कर अपने दोनों हांथों को कानों तक ले जा कर छोड़ दें ।
- फिर तीसरी तकबीर में भी अल्लाहु अकबर कह कर अपने हांथों को कानों तक ले जाकर हाथ छोड़ दें ।
- इस तरह आपकी 6 ज़ायद तकबीरें पूरी हो गयी है, अब इसके बाद बिना हाथ उठाये अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में चले जाएँ ।
- फिर इसके बाद बाकी नमाज आपको बिल्कुल उसी तरह पूरी करनी है जैसे आमतौर पर आप नमाज पढ़ते हैं ।
- आखिर में दोनों जानिब सलाम फेर दें। अब आपकी ईद उल अज़हा (Bakrid) की 2 रकाअत वाज़िब नमाज़ पूरी हो चुकी है ।
- नमाज के दुआ करें ।
नोट : Eid ul Adha Ki Namaz के बाद ईमाम साहब का खुत्बा सुन कर ही घर जाना चाहिए । बहुत से लोग दुआ के तुरंत बाद ही ईदगाह से बाहर निकल जाते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए ।
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बकरीद नमाज : आखिरी बात
दोस्तों उम्मीद है कि आपको Bakra Eid Ki Namaz का हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा इसमें हमने आप को बकरीद की नमाज कैसे पढ़ी जाती है? की मुकम्मल जानकारी दी है इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी पद का एक जरिया की नियत से जरूर शेयर करें हम आपसे अगली पोस्ट में मिलेंगे तब तक के लिए अपना और अपने घर वालों का ख्याल रखें...... फी अमानिल्लाह !