Ayatul kursi ki fazilat in Hindi - आयतुल कुर्सी के फायदे हिन्दी में

Ayatul Kursi in Hindi Mein | आयतुल कुरसी की फजीलत | Ayatul Kursi Ki Fazilat

Ayatul Kursi Ki Benefits in Hindi - आयतुल कुर्सी के फायदे इन हिन्दी

जो कोई भी शख्स हर नमाज़ के बाद ‘आयतुल कुरसी’ ( Ayatul Kursi ) पढे़गा ! उस को बहुत सारी Fazilat नसीब होंगी :

  1. वह शख्स मरने के बाद जन्नत में जाएगा ! [इंशाअल्लाह]
  2. वह शैतान और ज़िन्न की तमाम तरह की शरारतों से महफ़ूज़ रहेगा । [इंशाअल्लाह]
  3. अगर वह किसी का मोहताज़ होगा तो चन्द दिनों में उस की मोहताज़ी और ग़रीबी दूर हो जाएगी । [इंशाअल्लाह]
  4. जो शख्स सुबह व शाम और बिस्तर पर लेटते वक़्त ‘आयतुल कुरसी’ ( Ayatul Kursi ) और इस के बाद की दो आयतें “ख़ालिदून” तक पढ़ा करेगा ! वो चोरी, ग़र्क आबी (पानी में डूबने से) और जलने से महफूज रहेगा । [इंशाअल्लाह]
  5. अगर सारे मकान में किसी ऊंची जगह पर आयतुल कुरसी ( Ayatul Kursi ) लिख दी जाए जिस पर हर किसी की नज़र पड़ती हो तो [इंशाअल्लाह] उस घर में कभी भी फ़ाक़ा न होगा । बल्कि घरवालों की रोजी में बरकत होगी ! और वह मकान चोरों से महफूज़ रहेगा ।

Ayatul Kursi Ki Fazilat Hindi Mein - आयतुल कुर्सी की फजीलत हिन्दी में 


Ayatul Kursi Ki Fazilat (Benefits) in Hindi



आयत अल-कुरसी जन्नत में दाखिल होने के लिए

रिवायत है कि जो कोई भी जरूरी नमाज के तुरंत बाद आयत अल-कुरसी पढ़ता है , उसके और जन्नत में उसके दाखिल होने के बीच कुछ भी नहीं होगा । सिवाय मौत के "

सोचिए कि अगर जन्नत को पाने के लिए आपको सिर्फ इतना करना होगा कि हर ज़रूरी नमाज़ के बाद आयत अल-कुरसी को पढ़ना पड़े ? तो क्या आपका दिल आपको हर नमाज़ के बाद आयत अल-कुरसी पढ़ने के लिए नहीं उकसाएगा ?


जन्नत में दाखिल होने के कई तरीके हैं और भले ही जन्नत में दाखिल होने के लिए अल्लाह की मेहरबानी जरूरी है लेकिन यह आयत अल-कुरसी का पढ़ने का भी एक बहुत बड़ा फायदा है और हमें इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए ।


आयत अल-कुरसी हिफाज़त के ज़रिये के शक्ल में


आयत अल-कुरसी के सबसे ज्यादा मशहूर फायदों में से एक है - बुरी ताकतों और शैतान, जिन्न, से हिफाज़त ।


एक हदीस में है कि जो कोई भी शाम को आयतुल कुरसी पढ़ता है वो सुबह तक शैतान व जिन्न से हिफाज़त से रहेगा और जो कोई भी सुबह को आयतुल कुरसी पढ़ता है वो शाम तक शैतान व जिन्न से  हिफाज़त में रहेगा ।


जब आप सुबह और शाम एक बार आयत अल-कुरसी का पढ़ते हैं, तो नुकसान होने से चौबीसों घंटे की हिफाज़त के बारे में सोचिए । हकीकत में हम कुरान पाक की एक अज़ीम तरीन आयत के वजह से इस कायनात के मालिक (अल्लाह) के हाथों में अपनी हिफाज़त डाल रहे हैं। यानी इस आयत के पढ़ने पर वह हमारी हिफाज़त करेगा ।


एक अलग किस्से में, पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने जिक्र किया है कि जो कोई भी सूरह अल बकरह पढ़ता है, तो उस आदमी के घर में शैतान दाखिल नहीं हो पाएगा। ये वो सुरह है जिसमें आयत अल-कुरसी है, और इसकी लंबाई और अयात अल-कुरसी की ताकत के वजह से, कई लोग इसका मतलब यह बताते हैं कि आयत अल-कुरसी का पढ़ना शैतान को घर में दाखिल होनेे से रोकता है ।


बुरी नज़र से बचने के लिए


बुरी नज़र, जिन्न, या जादू में मुब्तला आदमी के ईलाज़ करने के लिए पढ़ी जाने वाली आयातों में से एक आयत = आयतुल कुरसी है ।


पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) के दौरे मुबारक का एक वाकिया है , कि एक बेदौइन आदमी आप (स.अ.व) के पास अपने भाई के बारे में शिकायत करने आया था, जिसकी दिमाग़ी बेइज्जती हुई थी । उसके भाई के लिए हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने जो आयात पढ़ीं, उसका एक हिस्सा आयत अल-कुरसी था, और अल्लाह की मेहरबानी से आदमी ठीक हो गया।


[ नोट :- हमारी बात का मतलब यह नहीं है कि आप हर बीमारी में सिर्फ आयत अल-कुरसी पढ़ें और ईलाज़ न कराएँ । बल्कि आयत अल-कुरसी पढ़ने के साथ-साथ बीमारियों का ईलाज़ कराना भी बेहद जरूरी है । ]


रिवायत 


हज़रत अली (रज़ि.) फ़रमाते हैं कि मैंने नबी ए करीम हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) को मेम्बर पर फ़रमाते हुए सुना :

जो शख्स हर नमाज़ के बाद आयतुल कुरसी  पढ़ेगा । उसे ज़न्नत में दाखिल होने से मौत के सिवा कोई चीज़ नहीं रोकती । यानी उसके और जन्नत के बीच सिर्फ मौत का फासला रह जाता है । जैसे ही उसकी मौत हुई तो उसे जन्नत में जाने से कोई चीज़ नहीं रोकेगी । और जो कोई रात को सोते वक़्त आयतुल कुरसी (Ayatul Kursi) पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उसे, उस के घर को और उसके आस-पास के घरों को महफूज फ़रमा देगा ।


हुजूर (स.अ.व) और हजरत ईज़राईल अलैहिस्सलाम का वाकिया

जब हूजूर स.अ.व. का आखिरी वक्त करीब आया तो आपने हजरत ईज़राईल (अलैहिस्सलाम) से पूछा - “क्या मेरी उम्मत को भी मौत की इतनी तकलीफ बर्दाश्त करनी पड़ेगी ?” तो हजरत ईज़राईल (अलैहिस्सलाम) ने कहा - जी !

यह सुनकर आप की आँखों से आँसू ज़ारी हो गए । तो अल्लाह तआला ने फरमाया : “ ऐ मुहम्मद (स.अ.व.) ! आप की उम्मत अगर हर नमाज़ के फौरन बाद आयतुल कुरसी पढ़ेगी तो मौत के वक्त उसका एक पाँव दुनिया में होगा और एक जन्नत में । [माशाअल्लाह]


जो आदमी सोते वक्त 21 बार बिस्मिल्लाह पढ़ता है , अल्लाह तआला अपने फरिश्तों से फरमाता है कि इसके हर साँस के बदले नेकियाँ लिखो ।


Ayatul Kursi PDF Download - आयतुल कुर्सी PDF डाउनलोड


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आखिरी बात

दोस्तों ये थी आज की हमारी पोस्ट " Ayatul Kursi in Hindi Mein " के बारे में । मुझे उम्मीद है कि आपको आयतुल कुरसी की फजीलत (Ayatul Kursi Ki Fazilat) से जुड़ी ये मालूमात पसन्द आई होगी । इसे अपने तमाम दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें क्योंकि अच्छी बात को दूसरों तक पहुंचाना भी सदका-ए-ज़ारिया है । आप चाहें तो आयतुल कुर्सी की PDF भी (Ayatul Kursi Ki PDF) डाउनलोड कर सकते हैं । मैं आपसे फिर मिलूंगा अगली पोस्ट में , तबतक के लिए अल्लाह हाफिज़ !

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This Article has been written by Muhammad Saif. 🙂

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